सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

6टी शरीफ़ क्या है?

6टी शरीफ़ क्या है? 🕌 क्यों मनाते है हर महीने 6टी शरीफ़? 💐💐💐 ✍ जावेद शाह खजराना (लेखक) दोस्तों आपने लोगों को ख़्वाजा गरीब नवाज की छटी शरीफ की चर्चा करते अक्सर देखा और सुना भी होगा कि 6टी पर अजमेर चलना है वगैरह-वगैरह । हो सकता है आप भी 6टी शरीफ पर कई मर्तबा अजमेर शरीफ गए हो? घरों में ओरतें भी अक्सर इस्लामी महीने की हर 6 तारीख को गरीब नवाज के नाम से नियाज और फतेहा भी करती है। चाँद की हर 6 तारीख को अजमेर में ख़्वाजा के चाहने वालों की भीड़ बढ़ जाती हैं। दरग़ाह शरीफ पर लोग दूर-दूर से 6टी शरीफ की ख़ास फतेहा में शरीक होने आते हैं बहुत-से दीवाने ऐसे हैं जो हर महीने की 6 तारीख को बरसों से अजमेर जा रहे हैं। क्या आप जानते है 6टी शरीफ क्या है? इसकी क्या फ़ज़ीलत है? दोस्तों जहाँ अभी दरग़ाह शरीफ़ हैं , गरीब नवाज उसी जगह पर रहते थे। ये मुकाम उनका हुजरा (कमरा) था। सन 1236 ईसवी के रजब महीने की बात है। आपकी उम्र 93 साल हो चुकी थी। अज़मेर आकर इस्लाम फैलाने की शुरुआत करके आपने सभी जरूरी एहकाम पूरे कर लिए थे। अब अल्लाह से मिलने का वक्त करीब आ गया था। 5 और 6 रजब यानि 6टी को ख्वाजा साहेब अपने कमरे के अंदर गए और क़ुरान-ए-पाक पढने लगे, रात भर उनकी आवाज़ सुनाई दी, लेकिन सुबह को आवाज़ सुनाई नहीं दी। जब कमरा खोल कर देखा गया, तब उन्होंने पर्दा फ़रमा लिया था। उनकी पेशानी ( माथे ) पर सिर्फ यह लाईन चमक रही थी "वे अल्लाह के दोस्त थे और इस दुनिया को अल्लाह का प्रेम पाने के लिए छोड दिया।" जब अल्लाह वाले इस दुनिया को छोड़कर जाते है और रब से मिल जाते है तब इंतकाल का दिन उनके लिए ग़म और मातम का नहीं होता बल्कि खुशी यानि उर्स का होता है। इसलिए उनके इंतकाल की तारीख को उर्स मनाकर उन्हें याद किया जाता हैं। गरीब नवाज रह0 रजब के महीने की 6 तारीख को दुनिया ऐ फ़ानी से रुख्सत हुए इसलिए रजब की 6 तारीख को उनका उर्स मनाया जाता है। चूंकि गरीब नवाज़ के चाहने वाले उनके पर्दा फरमाने की तारीख़ को उर्स (खुशी ) की तारीख़ मानते है इसलिए हर महीने चाँद की 6 तारीख़ को 6टी शरीफ मनाते है। हक मोईन दुआ में मुझ फ़क़ीर को याद रखे। #जावेद_शाह_खजराना

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